मैं नन्ही जान और पापा के शराबी दोस्त

story khjana के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।
story khjana पर यह मेरी पहली कहानी है। मुझे मेरी सहेली ने बताया कि story khjana पर सब लोग अपनी आपबीती भेजते हैं।
दो माह पूर्व मेरे साथ भी कुछ ऐसा हुआ तो मुझे लगा कि मुझे भी अपनी कहानी story khjana पर प्रकाशित करवानी चाहिए और यहाँ पर कहानी भेजने की पूरी प्रक्रिया मुझे अंजलि ने ही बताई।
अब कहानी पर आते हैं।
मेरा नाम सपना चौधरी है, अलीगढ़ में रहती हूँ। मेरे अलावा मेरे परिवार में मेरा एक भाई, एक बहन और मेरे मम्मी पापा हैं।
मेरा दिखने में एक सामान्य लड़की हूँ, कद 5 फीट 3 इंच है, रंग मध्यम है।
बचपन से ही मुझे सेक्सी वीडियो देखने का शौक है और मैंने पहली बार सेक्स अपने बॉयफ्रेंड के साथ किया। अगर आपकी सहमति मिली तो जल्द ही वह कहानी भी भेजूँगी।
मेरे पापा आर्मी से रिटायर्ड हैं, वो बहुत शराब पीते हैं और अक्सर शराब पीकर मम्मी से झगड़ा करते हैं।
शाम को उनके दो दोस्त भी उनके साथ शराब पीने के लिए हमारे घर आते हैं और मेरी बेचारी मम्मी उनके लिए उनके लिए नमकीन बर्फ़ पानी सर्व किया करती हैं।
मुझे इस पर बहुत गुस्सा आता है पर अगर मैं बीच में बोलती तो पापा मुझे डांट देते तो मैं इस पूरे मामले से दूर ही रहती हूँ।
पिछले माह मेरे इम्तिहान चल रहे थे और मम्मी मेरे भाई और बहन के साथ मेरे ननिहाल गई हुई थी।
एक बजे मैं पेपर देकर लौटी और पापा के लिए खाना बनाया। खाना खाकर में अपने रूम में जाकर टीवी देखने लगी और पापा बाजार चले गये।
पापा शाम को 7 बजे मार्किट से लौटे वो पूरी तरह नशे में धुत्त थे।
मैंने खाना बनाया और पापा बाहर चले गये। मैं खाना खाकर टीवी देखने लगी।
रात 10 बजे पापा अपने तीन दोस्तों के साथ आये और बाहर वाले कमरे में शराब पीने लगे और गंदी गंदी गालियाँ बकने लगे।
मैं अपने मोबाइल में ब्लू फिल्म देखने लगी और एक घंटे तक जब मेरी आँख दुखने लगी, मैं बाहर वाले कमरे में गई, मैंने देखा वो लोग नशे में धुत्त सोये हुए थे।
मैं भी बाथरूम गई और फ्रेश होकर सो गई।
रात के लगभग दो बजे मुझे मेरे पांवों पर गुदगुदी सी महसूस हुई, मैं बुरी तरह चौंक गई।
चौधरी अंकल मेरी ब्रा के ऊपर से ही उरोज चूस रहे थे, गुप्ता अंकल मेरे नितम्ब सहला रहे थे और तीसरे अंकल जबरदस्ती लिंग को मेरे मुंह में घुसा रहे थे। मुझे लिंग चूसना बिल्कुल भी पसंद नहीं तो मैंने मुँह में लेने से साफ़ इंकार कर दिया। इससे उनका मूड खराब हो गया और मेरी सलवार को खोलने क़ी बजाये फाड़ने लगे और उसको जांघों के जोड़ से पूरा फाड़ दिया।
मुश्किल से उन्होंने मेरी पैंटी उतारी और मुझको बेड से नीचे घसीट लाये।
तीनों भूखे शेर बने हुए थे और जगह जगह मुझको काट रहे थे।
चौधरी अंकल ने मेरे चूचे काट काट कर लाल कर दिए थे। मुझे दर्द भी हो रहा था पर मजा भी बहुत आ रहा था इसलिए मैंने खुद को ढीला छोड़ दिया।
नशे में वो तीनों मुझे रंडी, छिनाल और पता नहीं क्या क्या बक रहे थे।
गुप्ता अंकल मेरी योनि के पास आये और मेरी टाँगें फैला दी। चौधरी अंकल मेरे स्तन चूस रहे थे और तीसरे अंकल मेरे हाथ से अपना  लगभग 8 इंच लम्बा लिंग सहलवा रहे थे।
गुप्ता अंकल ने मेरी योनि में अपनी जीभ घुसा दी और अंदर बाहर करने लगे। मेरी सिसकारियाँ निकलने लगी, कई दिनों बाद इतना आनन्द मिल रहा था। चौधरी अंकल ने मेरे चूचे छोड़े और मेरी टांगों के बीच आ गये और गुप्ता जी को हटा दिया।
उनसे ढंग से चला भी नहीं जा रहा था, वे अपना लगभग 5 इंच लिंग को मेरी योनिद्वार पर रगड़ने लगे, बाकी दोनों अंकल मेरे बूब्स चूस रहे थे और मैं झूठ मुठ का बचने का नाटक कर रही थी।
थोड़ी देर घिसने के बाद उन्होंने अंदर डाल दिया, लण्ड आसानी से मेरे अंदर चला गया और वे गाली देते हुए तेज तेज धक्के लगाने लगे।
मुझे असीम आनन्द प्राप्त हो रहा था लेकिन लगभग 10 झटकों में ही वो निढाल हो गये और बुरी तरह हांफने लगे।
तभी तीसरे अंकल आये और चौधरी अंकल को हटकर अपना लिंग मेरी योनि से सटा दिया।
मुझे उनके लिंग को देखकर डर लगा और मैंने आँखें बंद कर ली।
एक ही झटके में उन्होंने आधा लौड़ मेरी फ़ुद्दी के अंदर घुसा दिया, मुझे भयंकर दर्द का आभास हुआ। इससे पहले कि मैं यह दर्द सह पाती, उन्होंने एक और जोर का झटका मारा और पूरा लिंग अंदर घुसा दिया।
लन्ड मुझे सीधे गर्भाशय पर लगा और योनि में जलन होने लगी, मुझे लगा जैसे किसी ने लोहे की रॉड घुसा दी हो।
पर वो कहाँ रुकने वाले थे, वो तेज तेज धक्के लगा रहे थे और जल्दी ही मेरा दर्द भी आनन्द में बदल गया था पर योनि में जलन अभी भी हो रही थी।
इस दौरान गुप्ता अंकल ने मुझे तिरछा लिटा दिया और पीछे से आकर मेरे गुदाद्वार में अपना लिंग घुसाने लगे पर उनकी पोजीशन ही नहीं बन पा रही थी और अंदर नही घुस पा रहे थे।
चौधरी अंकल अंकल उन दोनों को जल्दी करने को कह रहे थे।
अंकल पूरी ताकत से अंदर बाहर कर रहे थे जिससे मेरे बूब्स बड़ी जोर जोर से हिल रहे थे और मेरे मुँह से अजीब अजीब आवाजें निकल रही थी।
पर मजा बहुत आ रहा था, इस दौरान मेरा दो बार हो चुका था।
चौधरी अंकल अब दरवाजे से देख रहे थे कि कही मेरे पापा न आ जाएँ, लग रहा था कि अब उनकी उतर चुकी थी।
इधर अंकल लगातार चल रहे थे और रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। गुप्ता अंकल से गुदाद्वार में नहीं घुसा तो वह लिंग को पीछे से ही मेरे नितम्बों के मध्य और जांघों के बीच में घुसाकर धक्के लगा रहे थे।
अब मेरा तीसरी बार हो चुका था और लगभग 15 मिनट बाद अंकल में अपना गर्म वीर्य मेरी योनि में भर दिया और गुप्ता अंकल भी मेरी जांघों के बीच अपना वीर्य निकाल चुके थे।
मुझे ख़ुशी थी कि कम से कम गुप्ता अंकल गुदाद्वार में नहीं घुसा पाए, नहीं तो बहुत दर्द होता क्यूंकि मैंने इससे पहले कभी बॉयफ्रेंड से गुदाद्वार में नहीं डलवाया था।
इसके बाद वो तीनों रात में ही वहाँ से चले गये।
सुबह मुझे चलने में बहुत दर्द हो रहा था पर अगले दिन सब सामान्य हो गया।
वो तीनों अब भी हमारे घर शराब पीने आते हैं पर मुझसे नजरें नहीं मिला पाते, शायद वो सोचते हैं कि उन्होंने मेरी मर्जी के खिलाफ किया।
पर मुझे वो रात हमेशा याद रहेगी।
अपनी राय मुझे यहाँ भेजें।
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1 comments:

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Amit pathak
AUTHOR
31 December 2014 at 08:27 delete

Kya aap mujse chudna chahogi.
Amit pathak aligarh 9716745450

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