पति घर से बाहर, यार अन्दर


पति घर से बाहर, यार अन्दर

सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा यानि सुलक्ष्णा की तरफ से प्रणाम ! 
दोस्तो, इस वेबसाइट की मैं नियमित पाठक बन चुकी हूँ, कोई कहानी नहीं छोड़ती पढ़े बिना ! 
मेरी उम्र 24 साल है, मैं एक प्राइवेट स्कूल में कंप्यूटर टीचर की पोस्ट पर हूँ, मुझ में जवानी कूट-कूट कर भरी पड़ी है, मेरी गोल मोल गांड, कसी हुईं छातियाँ किसी भी मर्द की नियत खराब कर डालें ! मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं, मैं एक बहुत ही गर्म और चुदक्कड़ औरत हूँ। बिना लौड़े के मुझसे रहा नहीं जाता और मेरे पति मुझे हर रोज़ चोद नहीं पाते जिस वजह से मुझे गैर मर्दों की बाँहों का शृंगार बनना पड़ता है। 
शादी से पहले से ही में एक चालू लड़की के तौर से जानी जाती रही हूँ, स्कूल के समय से ही मुझे चुदाई का चस्का लग गया था जो बाद में मेरी ज़रुरत बनता गया। 
अच्छे-अच्छे लौड़ों से मैंने खूब चुदाई करवाई है और अब मैं आप सबको शादी के बाद का किस्सा सुनाने जा रही हूँ। 
मेरा पति बहुत ढीला है, उसका लौड़ा भी कुछ ख़ास नहीं है। मैं जिस स्कूल में जॉब करती हूँ वो स्कूल बारहवीं कक्षा तक है। 
जब मैं चलती हूँ तो मेरी गांड ऊपर नीचे हिलती है। मैं सूट भी भड़काऊ किस्म के पहनती हूँ। लड़कों की नज़र मेरी छाती और गांड पर आ टिकती है। जवान जवान लडके हैं, कई लड़के तो बिल्कुल नहीं डरते और कमेन्ट देने से परहेज़ नहीं करते। 
उनमें से ही दो लड़के बारहवीं में पढ़ने वाले जिनमें से एक का नाम अखिलेश और दूसरे का अमितोज था, दोनों निहायत हरामी लड़के हैं। मैं उन पर फिदा हुई पड़ी थी, मुझे देख दोनों लौड़े पकड़ कर मसलने लगते और मुझे इशारा करते ताकि मेरा धयान उनके खड़े लौड़े पर जाए। कंप्यूटर लैब ज्यादातर खाली रहती थी। 
एक दिन भगवान ने मेरी करीब आकार सुन ली। 
उस दिन सुबह से ही तेज़ बारिश हो रही थी जिसके चलते बहुत ही कम छात्र स्कूल आये और काफी टीचर भी नहीं आ पाए। लेकिन मैं ज़रूर आई। मैं रेनकोट डाल कर आई थी फिर भी थोड़ी भीग गई थी। उनकी क्लास में से सिर्फ चार बच्चे आये, वो दोनों और दो लड़कियाँ ! 
वो दोनों लड़कियाँ तो क्लास में बैठी रही, मैं भीग गई थी इसलिए लैब में बैठी हुई थी। 
कंप्यूटर लैब बिल्कुल अलग थी, बीच में पूरा मैदान पड़ता है, बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी, वो दोनों वहाँ आ गए ! 
उनको लैब में देख मेरा दिल कुछ करवाने का था- तुम दोनों यहाँ ? 
हाँ ! मेरी जान ! तेरे लिए आये हैं ! 
दोनों मेरे पास आये, मैं खड़ी हो गई, एक मेरे पीछे से आकर मुझे अपनी बाहों में लेकर चूमने लगा मेरी गर्दन पर तो मैं गर्म होने लगी। दूसरे ने आगे से मेरे सूट में हाथ घुसा कर मेरा मम्मा पकड़ लिया और दबाने लगा। 
अह उह ! मेरा हाथ कहाँ रुका? नीचे उसके लौड़े पर जाकर रुका। मैंने उसका लौड़ा मसला ! 
पीछे वाले ने मेरी कमीज़ उतार दी। 
मैंने कहा- कोई आ जाएगा ! सही जगह नहीं है राजा ! 
वो बोले- सही जगह कहाँ है? 
उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और दोनों एक एक चुचूक चूसने लगे। मैंने दोनों के लौड़े उनकी पैंट से बाहर निकाले और मुठ मारने लगी। 
वाह मैडम ! वाह ! क्या मम्मे हैं आपके ! 
मैं एक एक करके दोनों के लौड़े चूसने लगी। 
तभी स्कूल की घण्टी बजी। 
मैंने उन्हें कहा- मैं आधे दिन की छुट्टी लेकर घर जा रही हूँ ! मेरे पीछे पीछे बाइक लेते आना ! अपनी बाइक मेरे घर के काफी आगे लगाना और पिछले दरवाजे से आना ! 
मैंने पिछला दरवाजा खोल दिया और दोनों अन्दर आ गए और मुझे दबोच लिया। 
मेरा एक-एक कपड़ा उतार फेंका, मुझे नंगी रांड बना मेरे मम्मों पर टूट पड़े, साथ-साथ मेरी चूत में उंगली करते रहे। 
अह ! उह ! कमीने ध्यान से कर ! 
भोंसड़ी की ! मादर चोद ! बहुत मटक मटक चलती थी स्कूल में ! आज टाँगें चौड़ी करवाएंगे तेरी ! 
अह अह ! 
पूरी नंगी दोनों के बीच लेटी हुई थी मैं ! 
मैंने उनके लौड़े निकाल लिए और बारी-बारी मुँह में लेकर चूसने लगी। वो साथ में मेरी चूत चाट रहे थे और कभी मेरा मम्मा चूस लेते ! 
मैं पूरी रंडी बन चुकी थी। कितने दिनों बाद दो मर्द एक साथ मेरे ऊपर सवार थे ! 
मोटे-मोटे लौड़े ! 
मैं तो धन्य हो गई थी ! 
अह ! ओह ! मैंने टाँगें खोल दी ! 
उसने मेरी चूत में लौड़ा घुसा दिया और चोदने लगा। साथ साथ मेरी गांड में उंगली करते-करते ! 
एक लौड़ा मेरे मुँह में था, एक चूत में ! कुछ देर चुदवाने के बाद मैंने उसको सीधा लिटा दिया और उसकी तरफ पीठ करके थोड़ा थूक अपनी गांड पर लगाया और उसके लौड़े को अपने छेद पर रखते हुए नीचे बैठती गई और देखते ही उसका पूरा लौड़ा अन्दर ले गई। 
दोनों हैरान हुए देखते रहे ! मैं पक्की रंडी बन चुद रही थी। उसका लौड़ा आराम से मेरी गांड के अन्दर-बाहर हो रहा था, दूसरे का मेरे होंठों में प्यार से चल रहा था। 
गांड चूत से कसी होने की वजह उसे भी मजा आ रहा था। 
मैंने दूसरे को अपने ऊपर आने को कहा। 
वो दूसरे की जांघों पर बैठ गया और मैंने अपने हाथ से पकड़ उसका लौड़ा अपनी चूत पर रखते हुए खुद को आगे खिसकाया तो उसका टोपा चूत में घुस गया। बाकी का काम उसने खुद किया और अपना पूरा लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया। 
दोनों तरफ से चुद कर मुझे बहुत मजा आने लगा। इस तरह से मैं शादी से पहले चुदी थी कई बार ! और आज फिर से दोनों झटके मार-मार मुझे चोद रहे थे और मैं चुद रही थी। 
अह ! अह ! अह ! अह ! उसने चूत से निकाल लिया और नीचे वाले ने मुझे पकड़ अपने नीचे लिटा मेरे ऊपर सवार हो गया। टाँगें उठा कर उसने मेरी गांड मारी और अपना सारा माल मेरी गांड में भर कर वही ढेरी हो गया। 
दूसरे ने जल्दी से मेरे ऊपर सवार होकर मेरी चूत में घुसा दिया और उसने भी रफ़्तार पकड़ ली और कुछ पल में हम दोनों एक साथ झड़ चुके थे। और दोनों ने अपने गीले लौड़े एक साथ मेरे मुँह में घुसा कर साफ़ करवाए। 
उनके साथ मेरे नाजायज़ संबंध चलते रहे लेकिन यह बात स्कूल तक पहुँच गई। प्रिंसीपल बहुत ठरकी था उसने एक दिन मुझे ऑफिस में पकड़ लिया और वहीं मसलने लगा। 
मैंने उसे कहा- रात को नौ बजे मेरे घर आ जाना ! मेरे पति की रात की शिफ्ट चल रही है ! 
उसके बाद क्या हुआ वो फ़िर कभी !

any women, foreigner, models, widow or college girl want to have sex contact me with out any hestitation i m a call boy work for only money ur relation will be confidentail and secrecy my e-mail id isrenukamore.more3@gmail.com and blog ishttp://thesexystory.blogspot.com/south-indian-glamour-actress-saree-stills-8
Previous
Next Post »

Most Popular